यहां भक्तों पर कृपा बरसाते है खड़े गणेश जी, देश भर में खड़े गणपति का एकमात्र मंदिर
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BY : Divyaraj Singh | www.dvnews24x7.com
Friday, 10 November 2023 (IST)Time in Ratlam, Madhya Pradesh
हर मंगल कार्य के पूर्व मंगल मूर्ति विघ्नहर्ता भगवान गणेश की स्थापना और पूजा की जाती है। हमारी मंगल शुरुआत भी मंगलमूर्ति भगवान गणेश की इस खास खबर के साथ। आइए आज आपको दर्शन करवाते हैं मप्र के रतलाम शहर में स्थित भगवान गणेश के अद्भुत मंदिर के।जो अपने चमत्कारों के लिए पूरे मालवा में मशहूर है। यहां भगवान सिंहासन पर बैठ कर नहीं बल्कि खड़े होकर अपने भक्तों को दर्शन और आशीर्वाद दे रहे हैं। यह पहला ऐसा मंदिर है जहां प्रभु के साथ रिद्धि और सिद्धि विराजित नहीं है।
नमकीन की नगरी के नाम से पूरे मालवा ही नहीं बल्कि देश प्रदेश और विदेशों में भी मशहूर रतलाम के नाम से कौन वाकिफ नहीं है । वहीं नमकीन की नगरी में मंगल मूर्ति का एक ऐसा मंदिर है जहां भगवान की खड़ी हुई प्रतिमा अपने आप में आकर्षक मनोहर मंगलकारी और भक्तों के विघ्नों को सदियों से हर रही है। जी हां हम बात कर रहे हैं रतलाम के प्रसिद्ध ऊंकाला गणेश मंदिर की जहां भगवान की 11 फीट ऊंची खड़ग आसन प्रतिमा भक्तों के संकटों को दूर कर रही है ।सबसे अहम बात ये है यहां रिद्धि सिद्धि के दाता ब्रह्मचारी रूप में है विराजित है । गजानन के हाथो में कमंडल, माला, फरसा और सर्प है ।पूरे प्रदेश में यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां ब्रह्मचारी रूप में भगवान् गणेश विराजित है, अतः प्रभु के साथ रिद्धि सिद्धि मौजूद नहीं है।
मंगल मूर्ति विघ्नहर्ता का यह मंदिर करीब-करीब यह मंदिर 365 सालो से भी ज्यादा पुराना है। रतलाम की स्थापना के पहले इस मंदिर की स्थापना की गई थी। कसेरा समाज के लोग इस मंदिर के रखरखाव देखभाल और पूजा अर्चना की जिम्मेदारी बखूबी उठाते हैं। लेकिन मंदिर का नाम ऊंकाला गणेश ही क्यों पड़ा इसका कारण है मंदिर में स्थित गर्म पानी के तीन कुंड जो आज भी मौजूद है । इन पानी के स्रोतों में से उबलता हुआ गर्म पानी निकलता था। जिसके नाम पर भगवान का नाम यहां ऊँकाला गणेश पड़ गया |