वसुंधरा राजे , शिवराज सिंह और रमन सिंह की मजबूत दावेदारी, 5 दिनों बाद भी भाजपा तय नहीं कर सकी मुख्यमंत्रीयों के नाम
Reprted By:Divyaraj Singh
राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री कौन बनेगा इसको लेकर सस्पेंस लगातार पांचवें दिन भी जारी है। भाजपा के पार्टी हाई कमान को वसुंधरा राजे ,शिवराज सिंह चौहान और रमन सिंह को नजरअंदाज करना मुश्किल दिखाई पड़ रहा है। आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा हाई कमान के लिए यह स्थिति ना तो निगलते बन रहा है और ना ही उगलते जैसी हो गई है। लिहाजा मुख्यमंत्रियों के नामों का एलान पांच दिनों बाद भी अटका हुआ है।
भारतीय जनता पार्टी भले ही अंदर सब कुछ ठीक चलने का दावा कर रही है और वसुंधरा राजे, शिवराज सिंह चौहान और रमन सिंह भी बयान देकर कह चुके है कि वो पार्टी के समर्पित सिपाही है । लेकिन दिल्ली में जारी राजनीतिक उठा पटक बता रही है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राजस्थान में वसुंधरा राजे और छत्तीसगढ़ में रमन सिंह की जगह मुख्यमंत्री पद के लिए दूसरा चेहरा चुनना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।
वसुंधरा राजे अपने सुपुत्र दुष्यंत सिंह के साथ दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा इसकी रायशुमारी करने पर्यवेक्षक राजस्थान जाएंगे। इससे पहले वसुंधरा राजस्थान में अपने घर बीजेपी के जीते हुए 50 से अधिक विधायकों के साथ बैठक कर पार्टी आलाकमान को अपना सिग्नल दे चुकी है। ऐसे में वसुंधरा के अलावा किसी अन्य के नाम का एलान हुआ तो बीजेपी में बगावत भी हो सकती है।
मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह फिलहाल तो चुप है। और वह लगातार मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और राजगढ़ सहित अन्य जिलों के दौरे पर जा रहे है। इस बेटर मध्य प्रदेश में जीते हुए विधायकों का शिवराज सिंह चौहान से मिलने जाने का दौर लगातार जारी है। मध्य प्रदेश में भी भाजपा के लिए शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता को नजरअंदाज करना और ओबीसी वोट बैंक के नाराज होने का खतरा मोल लेना मुश्किल साबित हो रहा है। छत्तीसगढ़ में भी भाजपा के लिए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का विकल्प ढूंढना मुश्किल दिखाई पड़ रहा है।
बहरहाल लोकसभा चुनाव नजदीक आते देख पार्टी हाई कमान वर्ष 2003 और 2013 की ही पुरानी तिकड़ी को तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री पद सौंप सकती है।