गैंगरेप का फर्जी मामला बनाने वाले टीआई और रिश्वत लेने वाला आरक्षक निलंबित
REPORTED BY : Divyaraj Singh | www.dvnews24x7.com
रतलाम के ताल थाना क्षेत्र में बीते दिनों गैंग रेप के फर्जी मामले में आरोपी बनाए गए युवकों के परिजनों से रिश्वत लेने वाले आरक्षक और थाना प्रभारी को पुलिस अधीक्षक ने निलंबित कर दिया है। गैंगरेप के मामले में पकड़े गए एक आरोपी के भाई से 1 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की गई थी। रिश्वत के 30 हजार रूपए थाने के आरक्षक ओमप्रकाश गुर्जर ने लिए थे। जांच में आरोप सिद्ध होने पर एसपी राहुल लोढा ने आरक्षक ओम प्रकाश को रिश्वत लेने और थाना प्रभारी करण सिंह पाल को गंभीर मामले की जांच में लापरवाही बरतने को लेकर निलंबित कर दिया है।
यह था मामला
ताल थाना क्षेत्र में एक महिला ने उसके साथ तीन लोगों द्वारा कार में अपहरण कर ले जाने और गैंगरेप किए जाने की शिकायत दर्ज करवाई गई थी। महिला की शिकायत पर प्रकरण दर्ज कर ताल थाना पुलिस ने मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार किए गए आरोपी के परिजनों ने घटना के समय आरोपी के किसी अन्य स्थान पर उपस्थित होने के सीसीटीवी फुटेज और प्रमाण के साथ शिकायत की थी। परिजन जब थाने पर पहुंचे तो थाना प्रभारी द्वारा जांच में सहयोग किए जाने के नाम पर 1 लाख रूपए की मांग की गई। आरोपी के भाई द्वारा 30 हजार रूपए ताल के एक व्यापारी से उधार लेकर आरक्षक ओम प्रकाश गुर्जर को दिए गए। शिकायत पुलिस अधीक्षक को होने के बाद एसडीओपी आलोट को इस मामले की जांच सौंपी गई थी।
बहरहाल रिश्वतखोरी का यह मामला उजागर होने पर पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढा ने त्वरित एक्शन लेकर आरक्षक और थाना प्रभारी को निलंबित किया है। लेकिन गैंगरेप जैसे संगीन मामले की जांच में लापरवाही बरतने और रिश्वत लेने से रतलाम पुलिस की कार्यप्रणाली और थानों में हो रहा भ्रष्टाचार उजागर हो गया है।