रतलाम में पूरे रीति-रिवाज के साथ संपन्न हुआ तुलसी विवाह, पत्रिका छपी और प्रीतिभोज भी दिया
देशभर में आज तुलसी विवाह और देवउठनी ग्यारस का दिन है। आज से शुभ कार्य की शुरुआत की जाती है। इस मौके पर तुलसी विवाह के आयोजन भी होते हैं। ऐसे में हमारे समाज में आज भी कुछ परिवार ऐसे हैं जो तुलसी विवाह कि परंपरा को पूरे उत्सव के साथ मना रहे हैं। रतलाम में भी एक ऐसा ही परिवार है जिसने तुलसी विवाह के मौके पर विवाह की ना केवल सारी रश्म निभाई, बल्कि 1000 लोगों को भव्य दावत भी दी है।
रतलाम के मंगलम सिटी में रहने वाले शर्मा परिवार ने तुलसी विवाह की परंपरा को आगे बढ़ाया है। जिन्होंने तुलसी विवाह को बाकायदा एक पूरे शादी समारोह कि तरह ही आयोजित कर दिया। बाकायदा घर-घर पत्रिकाएं बांटी गई। गणेश पूजन, माता जी पूजन, मामेरा और बारात निकालने के साथी ही शुभ लग्न संपन्न हुआ। मां तुलसी और शालीग्राम जी, यानी भगवान विष्णु के विवाह समारोह के बाद करीब 1000 लोगों का प्रीतिभोज भी आयोजित किया गया।
दरअसल हमारे समाज में मान्यता है कि जिस घर में बेटी नहीं होती उसे घर में तुलसी विवाह का आयोजन किया जाए तो उस परिवार को कन्यादान के बराबर ही पुण्य और खुशियां मिलती है। रतलाम के शर्मा परिवार ने इसी परंपरा को निभाते हुए तुलसी विवाह की रस्में कुछ इस तरह निभाई की हर कोई देखता रह गया। परिवार ने घर में किसी बेटी की ही तरह तुलसी माता के विवाह की पत्रिका छपाई। मित्रों और रिश्तेदारों में पत्रिका बांट कर शादी का आयोजन किया और बाकायदा ढोल बाजे के साथ बारात निकाली गई और माता तुलसी का विवाह शालिग्राम जी से संपन्न करवाया गया।
बहरहाल तुलसी विवाह कि यह परंपरा ऐसी है जिससे हमारे युवा अनभिज्ञ है । वर्तमान समय में ऐसे आयोजन, ना केवल, हमारी युवा पीढ़ी को पुरानी परंपराओं और संस्कार से जोड़ते हैं बल्कि इस परंपरा को आगे बढ़ने का संदेश भी दे रहे हैं।
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