Reported By:Divyaraj Singh
आदिवासी मतदाताओं को फोन कर पलायन करने से रोका, जिला निर्वाचन की टीम ने बांटे मतदान के लिए घर-घर पीले चावल
रतलाम जिले के आदिवासी अंचल की विधानसभा सीट सैलाना लगातार दूसरी बार विधानसभा चुनाव में मतदान को लेकर पूरे प्रदेश में अव्वल रही है। कहने को तो रतलाम जिले की सैलाना विधानसभा सीट आदिवासी सीट कहलाती है लेकिन यहां के आदिवासी मतदाताओं में वोटिंग को लेकर ऐसी गजब की जागरूकता है । जिसके आगे सबसे साक्षर शहर, और सबसे स्वच्छ शहर का तमगा रखने वाली विधानसभा क्षेत्र भी नतमस्तक हो गए हैं। सैलाना विधानसभा ने लोकतंत्र की ऐसी सुंदर तस्वीर पेश की है जो पूरे मध्य प्रदेश में अब मिसाल बन गई है।
इस बार हुए विधानसभा चुनाव में वोटिंग के लिहाज से सैलाना पूरे मध्य प्रदेश में अव्वल है। सैलाना के वोटरो ने 90 फ़ीसदी से ज्यादा वोट देकर पूरे प्रदेश में सैलाना विधानसभा को अव्वल बना दिया है। जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। सैलाना के एसडीएम मनीष जैन का कहना है कि सैलाना विधानसभा क्षेत्र में 80 से 90 फ़ीसदी तक पलायन होता है ऐसे में इतने बड़े पैमाने पर वोटिंग करवाना एक बड़ी चुनौती थी। उन्होंने इस चुनौती को स्वीकार किया और हर पंचायत में पलायन करने वाले लोगों की सूची तैयार करवाई । एक महीने से लेकर 15 दिनों तक लगातार कर्मचारियों की ड्यूटी लगवाकर इन मतदाताओं को बारी-बारी से फोन लगवाए गए और उन्हें मतदान के लिए सैलाना बुलाया गया। यह रणनीति काम कर गई और सैलाना में बंपर वोट डाले गए।
दरअसल इस बड़े रिकॉर्ड के पीछे सैलाना अनुभाग के अधिकारियों और कर्मचारी का समर्पण भी है। सबसे पहले 32 मतदान केंद्रों का युक्ति युक्त करण करवाया गया। जिन मतदाताओं को मतदान करने के लिए 5 से 6 किलोमीटर दूर जाना पड़ता था उन मतदाताओं के नाम पास के ही मतदान केंद्र पर जोड़े गए ऐसे में वोटर बड़ी संख्या में वोट देने के लिए पोलिंग बूथो तक पहुंचे। एसडीम मनीष जैन ने बताया कि मतदाता सूची का शुद्धिकरण करवाना भी कारगर साबित हुआ है। बीमार और बुजुर्ग मतदाताओं के लिए टीम ने घर पहुंच कर उनका मतदान करवाया है। करीब 2 महीने की कड़ी मेहनत के बाद सैलाना विधानसभा क्षेत्र को 90% से अधिक मतदान करवाने का गौरव हासिल हो सका है।
खास बात यह की सैलाना की साक्षरता दर महज 48.9 फीसदी लेकिन यहां के 90 फ़ीसदी से ज्यादा नागरिक अपने मताधिकार को लेकर खासे सजग है। सैलाना विधानसभा क्षेत्र में 9 मतदान केंद्र ऐसे हैं जहां पर ना तो मोबाइल नेटवर्क काम करता है और ना ही वायरलेस नेटवर्क ऐसे में मतदान के दिन इन मतदान केंद्रों से संपर्क बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन इन न मतदान केंद्रों पर रनर लगवाता है। क्रिकेट के खेल वाले रनर की तरह ही यहां नियुक्त किए गए कर्मचारी प्रत्येक 2 घंटे में मतदान प्रतिशत की जानकारी दो पहिया वाहन से या पैदल नेटवर्क क्षेत्र में पहुंचकर जिला मुख्यालय तक पहुंचाते हैं।
बहरहाल मध्य प्रदेश में मतदान के मामले में अव्वल रहे सैलाना विधानसभा क्षेत्र की यह सफलता यहां के जागरूक मतदाता और निर्वाचन में लगे सभी छोटे और बड़े कर्मचारीयो की दिन-रात की मेहनत का परिणाम है।