प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री रामनिवास रावत ने पद ग्रहण करते ही रतलाम के सैलाना क्षेत्र के किसानों के लिए खुशखबरी दी है.किसान हित में खरमोर अभयारण्य की कृषि भूमियों को मुक्त करने की फाइल पर वन मंत्री ने हस्ताक्षर कर सैकड़ो किसानों को सौगात दी है. रतलाम जिले के आदिवासी विधानसभा क्षेत्र के उन किसानों के चेहरे पर खुशी आ गई जो लंबे समय से इस घड़ी का इंतजार कर रहे थे कब उन्हें खरमोर अभ्यारण में अधिग्रहण की गई जमीन से राहत मिल सके. जिसके बाद अब मध्य प्रदेश के नए वन मंत्री रामनिवास रावत ने आज अपना पदभार संभालने के बाद ही सबसे पहले किसानों के हित में सैलाना खरमोर अभ्यारण की फाइल पर हस्ताक्षर कर उसे खरमोर अभ्यारण से मुक्त किया है. गौरतलब है कि 300 भीगा से अधीक का रकबा अभ्यारण में होने के कारण किसान खेती भी नहीं कर पा रहे थे और उसे बेच भी नहीं सकते थे काफी लंबे समय से यह फाइल विभागों में घूम रही थी जिसे आज वन एवं पर्यावरण मंत्री रामनिवास रावत ने हस्ताक्षर कर आदेश पारित किया है.
खरमोर अभ्यारण क्या है
कैरेबियाई पक्षी जिन्हें खरमोर के नाम से जाना जाता है कुछ समय के लिए दूर दराज से इस अभ्यारण में प्रजनन के लिए आते थे माह जुलाई से नवंबर तक यहां रुकते थे उसके पश्चात पूरी टोली के साथ वापस अपने स्वदेश को लौट जाते थे लेकिन पिछले कुछ वर्षों से इनका आवागमन बंद हो चुका था वर्ष 2019 के बाद इनका आना यहां लगभग बंद हो चुका था जिसे लेकर संबंधित विभाग ने पूरी फाइल बना कर इस बैन को हटाने के लिए भेज रखी थी
किसान 30 साल से खेती नहीं कर पा रहे थे बोरवेल नहीं लगा पाते और दवाई का छिटकाव भी नहीं कर पाते और हाकाई जुताई में भी परेशानी का सामना करना पड़ता था सरकार का यह फैसला हम किसानों ने के लिए राहत भरी सौगात ले कर आया है ***जगदीश पाटीदार किसान***