मतदान से वंचित रह गए कई शासकीय कर्मचारी, चुनाव में ड्यूटी के बावजूद नहीं मिल सके डाक मत पत्र
मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव का मतदान संपन्न हो चुका है। लेकिन यह मतदान करवाने वाले कई शासकीय कर्मचारी अपने मताधिकार का प्रयोग ही नहीं कर सके है। ऐसा ही एक मामला रतलाम शहर में सामने आया है। जहां दो दर्जन से अधिक शासकीय कर्मचारी फॉर्म 12 भरने के बाद भी डाक मत पत्र प्राप्त नहीं कर सके है। इस मामले में कर्मचारियों ने इलेक्शन कमीशन को शिकायत भी दर्ज करवाई है। वहीं, कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए इलेक्शन कमीशन से शिकायत की थी। हालांकि इलेक्शन कमिशन ने कर्मचारियों के लिए दिनांक 7 नवंबर से 10 नवंबर तक मतदान के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराए जाने का हवाला देकर शिकायत को विलोपित कर दिया है।
दरअसल चुनाव आयोग को की गई शिकायत में कहां गया था कि रतलाम शहर विधानसभा क्षेत्र के कई शासकीय कर्मचारियों जिसमें बैंक कर्मचारी भी शामिल हैं। उनकी जिले में चुनाव हेतु ड्यूटी लगाई गई थी । इन सभी कर्मचारियों को डाक मत पत्र द्वारा मतदान करने से वंचित रखा गया है। शिकायत में आरोप लगाया गया कि उन्हें मतदान के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई। कुछ कर्मचारियों ने फार्म 12 भरकर भी दिया बावजूद इसके उन्हें डाक मत पत्र प्राप्त नहीं हुआ। कर्मचारियों ने 17 नवंबर के पूर्व ही शिकायत दर्ज करवा कर उन्हें मतदान करवाए जाने की अपील चुनाव आयोग से की थी। वहीं, कांग्रेस ने भी चुनाव आयोग से अंतिम समय में अतिथि शिक्षकों की निर्वाचन में ड्यूटी लगाकर उन्हें मतदान से वंचित किए जाने के संबंध में शिकायत की थी। कांग्रेस की शिकायत के अनुसार करीब 700 कर्मचारी रतलाम विधानसभा क्षेत्र में मतदान करने से वंचित रह गए।
बहरहाल इस मामले में 17 नवंबर तक इन कर्मचारियों को मतदान करने का अवसर प्राप्त नहीं हो सका और वह अपने मताधिकार का प्रयोग करने से वंचित रह गए। चुनाव आयोग को की गई शिकायत के संबंध में आयोग के आधिकारिक पेज पर दिनांक 7 नवंबर से 10 नवंबर तक शासकीय कर्मचारियों के मतदान करने की पर्याप्त व्यवस्था एवं अवसर दिए जाने की बात कही गई है।