दो अलग-अलग घटनाओं में आठ लोगों ने गवाई जान
मध्य प्रदेश के राहत आयुक्त ने किया निर्देश जारी बंद कुए से रहे दूर बंद कुएं में हो सकती है जहरीली गैस
पहली घटना 25 जुलाई की है मध्यप्रदेश के कटनी में एक कुएं मेें जहरीली गैस का ऐसा रिसाव हुआ कि इसमें उतरने वाले चार लोगों की एक के बाद एक मौत हो गई. कुएं में उतरने पहले आदमी के काफी देर तक बाहर नहीं आने पर दूसरा, फिर तीसरा और फिर चौथा आदमी उतरा लेकिन चारों की ही मौत हो गई.
वहीं दूसरी घटना आज छतरपुर की है जहां एक कुएं को ढकने का निर्माण कार्य चल रहा था जिसमें की कार्य करते हुए हथोड़ा कुएं में जा गिरा जिसे निकलाने के लिए कार्य कर रहा मिस्त्री कुएं में उतरा बाहर न आने पर घर मालिक भी अंदर उतरा काफी देर तक बाहर नहीं आने पर उसका पुत्र अंदर उतरा उसके भी नहीं आने पर भतीजा भी बहार नही आया तब आसपास के लोगो ने प्रशासन को सूचना दी मगर तब तक चारो की मौत हो चुकी थी
सीएम मोहन यादव ने भी इस घटना पर शोक जताया
घटना के तुरंत बाद मध्य प्रदेश राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा निर्देश जारी हुआ किसी भी बंद कुएं में न उतरे एवं इसका उपयोग न करें वह ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार किया जाए ताकि इसमें से निकलने वाली जहरीली गैस से बचा जाए
अगर कुएं को लंबे समय से प्रयोग में नहीं लाया जा रहा है तो उसके अंदर जहरीली गैस पैदा हो जाती हैं। कुंओं में मीथेन कार्बन डाई ऑक्साइड, नाइट्रोजन और हाइड्रोजन सल्फाइड गैस बन जाती हैं। हाइड्रोजन सल्फाइड एक सड़े अंडे की गंध की तरह गैस है। इसका आसानी से पता लगाया जा सकता है। हालाकि मीथेएन कार्बन डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन सब बिना गंध की गैस हैं। इसलिए कुंआ में पता नहीं पड़ती हैं। कई शोधकर्ताओं ने पाया है पुराने कुंओं में मीथेन की पर्याप्त मात्रा रहती है। मीथेन गैस भूमिगत भूगर्भिक संरचनाओं के माध्यम से पैदा होती है। मीथेन आम तौर पर कम दबाव वाले क्षेत्रों के लिए उच्च दबाव से माइग्रेट करती है। भूजल में मीथेन विस्फोटक नहीं है। वैसे एक सीमित स्थान में मीथेन 5 और 15 फीसद तक रहती है। जब मीथेन हवा में 50 प्रतिशत से अधिक होती है तो गला घोंटने वाली होती है। कार्बन डाईऑक्साइड और नाइट्रोजन भी कुंओं में मिलती हैं। ऑक्सीजन एकाग्रता को कम करती है। इन सभी गैसों से घुटन होती है और मौत का कारण बनती हैं।
सही उपाय ये करे एक्सपर्ट के अनुसार
काफी लंबे अर्से से बंद कुंआ और पुराने कुंओं में उतरने से पहले तकनीकी विशेषज्ञ से सहायता ली जाए। स्थानीय प्रशासन जो इस प्रकार की गैसों को बाहर निकालने के लिए तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान कर सकता है।