रतलाम
कोलकाता में डॉक्टर के साथ बलात्कार हत्या के विरोध में कैंडल मार्च,
मुश्किलों से लड़कर बनी थी डॉक्टर,31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर का सपना गोल्ड मेडल हासिल करने का था।
पश्चिम बंगाल के कोलकाता आर जी मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉक्टर मोमिता की बलात्कार के बाद हत्या के विरोध में जहा देश के विभिन्न हिस्सों में जघन्य दुर्घटना से सारा देश स्तब्ध और दुःखी है, डॉक्टरो के द्वारा जूनियर डॉक्टर की मौत मामले में इंसाफ और मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मांग की जा रही है। इसी कड़ी में आज नगर की सेवा समिति रामेष्ठसेवा संस्था एवम सहयोगी आजाद क्लब सैलाना द्वारा पूरे नगर में कैंडल मार्च निकाला गया जिसमे छोटे छोटे बच्चे महिलाएं और नागरिक सम्मिलित हुए रैली ओशिन परिशर से प्रारंभ हो कर राजवाड़ा चौक से मुख्य बाजार होते हुए बस स्टैंड पहुंची,इस दौरान मृतक महिला चिकित्सक मोमिता की तस्वीर लेकर एवं तख्तियां लेकर सभी रैली में सम्मिलित हुए। सभी ने इस घटना को लेकर नम आंखों से श्रद्धांजलि प्रेषित की,और सभी ने मांग की है कि जिन आरोपियों द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया है उनके खिलाफ सरकार उचित कार्यवाही कर फांसी दे। अंत में रैली पुलिस थाना सैलाना पहुंची जहा पर प्रधानमंत्री के नाम अनुविभागीयअधिकारी का ज्ञापन तहसीलदार कैलाश कन्नोजे को वाचन कर ज्ञापन सौंपा ज्ञापन का वाचन बालिकाओं द्वारा किया गया इस दौरान रामेष्ठसेवा संस्था और आजाद क्लब के सभी सदस्य मौजूद थे
कोलकाता की डॉक्टर की कहानी
कोलकाता की एक होनहार ट्रेनी डॉक्टर की आरजी मेडिकल कॉलेज में रेप के बाद हत्या कर दी जाती है। एक दर्जी पिता की वह इकलौती बेटी थी। मां और पिता का रो-रोककर बुरा हाल है। जिंदगीभर संघर्ष करके बेटी को पढ़ाया। अब वह उनका बुढ़ापे में सहारा बनने वाली थी लेकिन सबकुछ तबाह हो गया।आरजी कर अस्पताल में रेप और हत्या की शिकार हुई 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर का सपना गोल्ड मेडल हासिल करने का था। दर्जी पिता ने बेटी को पढ़ाने के लिए दिन-रात मेहनत की। बेटी ने भी पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी। जिंदगी भर परिवार ने संघर्ष किया। बेटी ने कोलकाता के घनी आबादी वाले उपनगर सोदेपुर से आरजी कर यहां तक का सफर तय किया। अब बेटी की बारी परिवार का कर्ज चुकाने की थी लेकिन वह अपने माता-पिता का जीवन बेहतर बनाए बिना ही इस दुनिया से चली गई।
डॉक्टर के पिता का कहना था की हम एक गरीब परिवार हैं और हमने उसे बहुत मुश्किलों से पाला है। उसने डॉक्टर बनने के लिए बहुत मेहनत की। हमारे सारे सपने एक रात में टूट गए,सभी बंगाली परिवारों की तरह, उसका परिवार भी अक्टूबर में दुर्गा पूजा का बेसब्री से इंतजार कर रहा था, जिसका एक विशेष अर्थ रहता है