भोपाल
मानसून के आते ही डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। निर्माणाधीन क्षेत्र मच्छरों के प्रजनन स्थल बनकर बीमारी फैला रहे हैं।एमपी के कई जिलों में डेंगू, मलेरिया समेत अन्य बीमारियों की चपेट में आ रहे लोग, भोपाल में 8 दिन में 32 मामले सामने आए वही इंदौर में तेजी से पैर पसार रहा है डेंगू, बीते 24 घंटे में डेंगू के 11 मामले आए सामने, ग्वालियर में भी डेंगू का प्रकोप देखने को मिला, जुलाई माह में ये आंकड़ा 60 पार हो चुका था लेकिन अब अगस्त में तेजी से बढ़ते हुए 200 से अधिक मामले सामने आए।
इस मामले पर विशेषज्ञों का सुझाव है कि डेंगू और अन्य वेक्टर जनित बीमारियों को खत्म करने के लिए एक व्यापक योजना की आवश्यकता है। बीएमसी और स्वास्थ्य विभाग दोनों से ठोस प्रयासों की उम्मीद हैं। डेंगू के मामलों में लगातार वृद्धि को रोकने के लिए जागरूकता के साथ अभियान चलाने की जरूरत है। वहीं लोगों को भी सतर्क रहने की आवश्यकता है।
क्या कराना चाहिए आवश्यक जानकारी
इसके लिए हमें घर के हर हिस्से का निरीक्षण बारिश का मौसम शुरू होने पर करना चाहिए. जैसे छत पर रखे गमले, खाली कंटेनर, गैर उपयोगी बर्तन वस्तुएं इत्यादि जिनमें पानी इकट्ठा हो सके उन्हें हटा देना चाहिए. इसके अलावा खुला वॉटर टैंक और गर्मियों में उपयोग होने वाले कूलर मच्छरों के पनपने के प्रमुख स्थान होते हैं. यहां तक की स्वास्थ्य विभाग की सर्वे की टीम ने पुराने जूते के अंदर जमा हुए पानी में भी मच्छर के लार्वा निरीक्षण के दौरान नोटिस किए हैं. कूलर में यदि पानी बचा रह गया है तो उसे पूर्ण रूप से निकाल कर टैंक को सुखाकर रखना चाहिए.घर में भी पूरी बांह के कपड़े पहने. सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें. स्थानीय नगरीय निकाय के माध्यम से फॉगिंग और मच्छर रोधी दवाई का स्प्रे भी अपने क्षेत्र में करवाना सुनिश्चित करें।