भोपाल
मध्यप्रदेश के पेसा मोबेलाइजरों ने अपने मानदेय में बढ़ोतरी, यात्रा भत्ता एवं कार्य-परिस्थितियों में सुधार को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को ज्ञापन प्रेषित किया है। ज्ञापन में बताया गया कि वर्तमान समय में पेसा मोबेलाइजर 20 जिलों, 89 विकासखंडों और लगभग 5221 ग्राम पंचायतों में निरंतर कार्यरत हैं और ग्रामसभाओं को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद उनकी आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय बनी हुई है।
पेसा मोबेलाइजरों ने कहा कि उन्हें मात्र ₹4000 प्रतिमाह मानदेय प्राप्त हो रहा है, जिसमें न पेट्रोल-डीजल व्यय शामिल है, न ही मोबाइल डेटा, यात्रा या अन्य कार्य संबंधी खर्च। महंगाई और बढ़ती दैनिक आवश्यकताओं के कारण इतने कम पारिश्रमिक में परिवार का भरण-पोषण संभव नहीं है। ग्रामीण एवं आदिवासी अंचलों में कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बीच प्रतिदिन 8 घंटे से अधिक समय तक लगातार फील्ड में कार्य करना पड़ता है, जहां आवागमन भी चुनौतीपूर्ण है।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि पेसा एक्ट, पेसा नियम, शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन, ग्रामसभा जागरूकता एवं प्रशासनिक समन्वय में पेसा मोबेलाइजर महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। चयन प्रक्रिया भी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा योग्यता, शैक्षणिक मानदंड, डिप्लोमा और मेरिट सूची के आधार पर की गई थी, फिर भी उन्हें न्यूनतम वेतन तक उपलब्ध नहीं हो रहा।
मोबेलाइजरों ने मानदेय को वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप बढ़ाकर ₹15,000–₹20,000 प्रतिमाह किए जाने, साथ ही यात्रा भत्ता, मोबाइल डेटा भत्ता, आवश्यक सुविधाएँ प्रदान करने एवं सेवा नियमितीकरण पर सकारात्मक निर्णय की मांग की है। उन्होंने कहा कि नियमित कर्मचारियों की तरह दायित्व दिए जाते हैं, किंतु पारिश्रमिक अत्यंत कम होना अन्यायपूर्ण है।
अंत में उन्होंने मुख्यमंत्री से इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल संज्ञान लेकर प्रदेशभर के पेसा मोबेलाइजरों को राहत प्रदान करने हेतु शीघ्र निर्देश जारी करने की मांग की है।




